शनिवार, 17 मई 2025

संषर्घ

 सादर प्रणाम साथियों...!!

साथियों संघर्ष ही जीवन है यह तो सभी जानते हैं लेकिन कितना यह लोग अपने ऊपर लागू करते हैं यह बहुत जरूरी है साथियों संघर्ष  संग+हर्ष संषर्घ 

संघर्ष तो हर कोई करता है कोई सकारात्मक दिशा में करता है तो कोई नकारात्मक दिशा में करता है सकारात्मक दिशा में किया गया संघर्ष हमारे सपनों को पूरा करता है और हमें हमारे मंजिल तक पहुंचा था और नकारात्मक दिशा में किया गया संघर्ष कुछ समय के लिए हमें अहसास करवाता है कि हम अच्छे दिशा में चल रहे हैं लेकिन उसका परिणाम शुन्य होता है और सकारात्मक दिशा में किया गया संघर्ष हमें थकाता तो जरूर है लेकिन वह हमारे मंजिल को हम तक पहुंचाता है साथियों अगर हम एक छोटी चींटी की बात करें तो वह भी संघर्ष करते हैं 100 बार  दीवार पर चढ़ती है और 100 बार नीचे गिरती है लेकिन चलना नहीं बंद करती है तो हम इंसान संघर्ष से क्यों भागते हैं अगर एक छोटी सी चींटी  संघर्ष कर सकती है तो हम इंसान क्यों नहीं संघर्ष कर सकते हैं अगर नन्हीं चींटी हार नहीं मानती है तो हमें भी हार नहीं मानना चाहिए और अपने सकारात्मक दिशा में हमें आगे बढ़ना चाहिए एक ना एक दिन हमें हमारी मंजिल जरूर मिलेगी हमें अपने जीवन में कभी नकारात्मक विचार नहीं लाना चाहिए और ना हमें नकारात्मक दिशा पर संघर्ष करना चाहिए यह दोनों हमारे जीवन के लिए बहुत घातक हैं इसे हमें दूर रहना चाहिए हम संघर्ष करके जो परिणाम प्राप्त करेंगे वह बहुत सुखद होगा और ऐतिहासिक होगा मेरा मानना यह है कि हमें नेगेटिविटी सोच को त्याग कर पॉजिटिविटी सोच ले कर बढ़ना चाहिए और उनसे दूर रहना चाहिए जो हमें नकारात्मक सोच से गिराते हैं और कहते हैं कि तुम यह नहीं कर सकते हो तुम्हारे बस की बात नहीं तो सबसे पहले इनसे आप दूर रहें ऐसे लोगों को अपने जीवन में बिल्कुल जगह ना दें अगर एक छोटी सी चींटी कोशिश करके  दीवार पर चढ़ सकती है तो आप इंसान हो आप कुछ भी कर सकते हो 

हमें दुनिया के मंजिल से क्या मतलब हमें तो अपनी मंजिल सजानी है

साथियों सबसे पहले हमें अपने जीवन में एक लक्ष्य बनाना होगा और उस लक्ष्य के पीछे हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा हमें लक्ष्य प्राप्त करने में तमाम कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ेगा और उस कठिनाइयों से हमें लड़ना भी होगा ना जाने कितनी बाधाएं आएंगी सभी बाधाओं से भी लड़ना पड़ेगा लेकिन हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ते चलना होगा हमारे अगल-बगल ना जाने कितने आएंगे हमें गिराने के लिए लेकिन हमें ऐसा कुछ परवाह न करते हुए उनको दरकिनार करके चलना होगा क्योंकि हमें अपने लक्ष्य और अपने मंजिल से मतलब है कौन क्या कह रहा है कौन क्या कहेगा इसे सुनने और इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है आप सभी जानते हैं जो लड़ेगा वही हारेगा या जीतेगा जीतेगा तो मंजिल मिलेगा और हारेगा तो सीख मिलेगी दोनों हमारे लिए सकारात्मक ही हैं अगर हम हारते हैं तो हमें समीक्षा करने की जरूरत है कि हमारी कमी कहां रह गई हमारी गलती कहां रह गई हमसे गलती क्या हुई उसको सुधार कर पुनः संघर्ष करके अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ना है एक ना एक दिन हमें हमारा संघर्ष हमारे लक्ष और हमारे मंजिल तक पहुंचाएगा

तेरा कठिन संघर्ष ही तुझे जितायेगा 

ऊँची उड़ान को और ऊँचा कर  

तेरी मंजिलों को तेरे और करीब लायेगा।



आपका
इं. सौरभ पांडेय 🖊

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपके इस संघर्ष भरी कहानी से प्रेरित हुआ हम आपके इस पूरी सूची में ध्यान से पढ़ें और हमें यह प्रतीत हुआ है भैया जी की जिंदगी में चाहे जितनी भी कठिनाई आए परंतु हमें आगे बढ़ते जाना है बढ़ते जाना है

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  2. बहुत ही सुन्दर आप की इस प्रेरणा से हम सब अपने जीवन मे पूरे दिल और श्रद्धा से अपना रास्ता चुंनेगे। बहुत बहुत धन्यवाद आप को मेरा प्रणाम

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